सनातन धर्म में जीवन जीने की पद्धति में ग्रह ,नक्षत्र और मुहूर्त का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ मूहूर्त में किये गए कार्य कभी नष्ट नहीं होते और इन कार्यों का जीवन के प्रगति में बहुत महत्व होता है।
Kharmas 2024 Date : सनातन धर्म में जीवन जीने की पद्धति में ग्रह ,नक्षत्र और मुहूर्त का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ मूहूर्त में किये गए कार्य कभी नष्ट नहीं होते और इन कार्यों का जीवन के प्रगति में बहुत महत्व होता है। ग्रहों के राजा सूर्य देव जब मीन राशि में गोचर करेंगे तब अगले 30 दिनों के लिए खरमास लग जाएगा। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। सूर्यदेव 14 मार्च को रात 12 बजकर 24 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। सूर्यदेव मीन राशि में 13 अप्रैल रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहेंगे। इस पूरे एक महीने खरमास रहेगा। ज्योतिष के अनुसार आखिरी राशि मीन है और जब सूर्य मीन राशि में आते हैं तो इसे खरमास माना जाता है। हिंदू धर्म में खरमास को शुभ नहीं माना जाता है।
खरमास में वर्जित कार्य
खरमास में सभी तरह के मांगलिक कार्य निषिद्ध या वर्जित हैं। मांगलिक कार्यों में उपनयन-विवाहादि एवं नये कार्यों का आरम्भ एवं प्रवेश, गृहारम्भ, गृह प्रवेश, वधु प्रवेश आदि कार्य वर्जित हैं। पूजा-कथा मांगलिक कार्यों में नहीं आता है। साल में दो बार होने वाली इस अवधि को सूर्य के धनु या मीन में प्रवेश करने का प्रतीक माना जाता है।
करें ये काम
1.खरमास में सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। पूरे परिवार को साथ बैठकर कथा सुननी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
2.खरमास में सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। पूरे परिवार को साथ बैठकर कथा सुननी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
3.खरमास में केले के पेड़ की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।