सड़क हादसे से देश भर में रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है। अगर बात करें हादसों की वजह की तो आज सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना मोटरसाइकिल से ही होती है। जिससे रोज लखों लोगों की मौत हो जाती है। इसी कारण हादसों को कम करने और मोटरसाइकिल को ज्यादा सुरक्षित व स्ट्रांग बनाने के लिए मेकर्स ने कई तरह के कदम उठाए हैं।
नई दिल्ली। सड़क हादसे से देश भर में रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है। अगर बात करें हादसों की वजह की तो आज सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना मोटरसाइकिल से ही होती है। जिससे रोज लखों लोगों की मौत हो जाती है। इसी कारण हादसों को कम करने और मोटरसाइकिल को ज्यादा सुरक्षित व स्ट्रांग बनाने के लिए मेकर्स ने कई तरह के कदम उठाए हैं। बतादें कई निर्माताओं की ओर से अपनी मोटरसाइकिल में अब एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर को दिया जाने लगा है। इनमें से मोटरसाइकिल (Motorcycle ABS System) को चलाते समय ज्यादा सुरक्षा मिलती है।
एबीएस और नॉन एबीएस (ABS Vs Non ABS) तकनीक में अंतर को समझना काफी आसान है। एबीएस के साथ जिन बाइक्स को ऑफर किया जाता है उनको कंट्रोल करना नॉन एबीएस बाइक्स की तुलना में ज्यादा और बेहतर और आसान होता है। खासतौर पर खराब सड़कों, गीली सड़कों और पैनिक ब्रेकिंग जैसी स्थिति में जब ब्रेक लगाए जाते हैं तो एबीएस तकनीक के कारण बाइक पर कंट्रोल बनाए रखना भी आसान हो जाता है। एबीएस बाइक में स्पीड सेंसर, ईसीयू और हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट मिलकर काम करते हैं और बाइक को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
बताते चले कि ABS लगने से मोटरसाइकिल में कई फायदे होते हैं। अगर हम बात करें बाइक की रफ़्तार की तो एबीएस वाली बाइक तेज रफ़्तार में अगर ब्रेक लगाया गया तो फिसलती नहीं है। एबीएस लगाने से बाइक चलाने वाले के कंट्रोल में रहती बाइक हैं। और बिना समस्या के आराम से रुक जाती है।