सनातन धर्म में दुर्लभ योग और अद्भुत संयोग का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि व्रत पर्व के दिन बनने वाले इन विशेष योग पर जप , दान और यज्ञ करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
Mauni Amavasya 2024 : सनातन धर्म में दुर्लभ योग और अद्भुत संयोग का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि व्रत पर्व के दिन बनने वाले इन विशेष योग पर जप , दान और यज्ञ करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस बार मौनी अमावस्या पर ऐसे संयोग का निर्माण हो रहा है जिसे अति दुर्लभ माना जाता है। इस बार मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही वारियान योग का अद्भुत संयोग बनेगा।
इस संयोग पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ मानी जाती है।इस बार मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही वारियान योग का अद्भुत संयोग बनेगा। इस संयोग पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ मानी जाती है। मौनी अमावस्या पर मौन रखते हुए व्रत का पालन और भगवान की साधना करने का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है माघी अमावस्या तिथि पर ही मनु ऋषि का जन्म हुआ था इस कारण से इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, माघ अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04:28 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में दिनों की गणना उदया तिथि से की जाती है। अतः मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
मौनी अमावस्या पर शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो रहा है, जो रात 11 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं, शाम 07:08 बजे से वरियान योग का संयोग भी बन रहा है।