उत्तर प्रदेश शासन के सचिव रंजन कुमार ने 06 नवंबर 2023 को प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक निर्देश जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि, शासन के संज्ञान में आया है कि स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश के अनेक जनपदों में कराये जा रहे टेण्डर प्रक्रिया में अनियमितता की जा रही है। टेण्डर भ्रष्टाचार में लिप्त एजेन्सी/परिवार को दिये जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में जन प्रतिनिधियों से निरन्तर शिकायतें प्राप्त हो रही है।
लखनऊ। ‘किसी भी परिस्थति में भ्रष्टाचार में लिप्त एजेंसी/परिवार को कार्य न मिले’ ये बातें स्वास्थ्य विभाग के टेंडर प्रक्रिय में की जा रही अनियमितता पर उत्तर प्रदेश शासन के तत्कालीन सचिव रंजन कुमार ने कहीं थीं। उन्होंने इस बाबत प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भी लिखा था लेकिन उनकी ये बातें महज उनके आदेश तक ही सीमित रह गईं, जबकि इसके विपरित प्रदेश के करीब दो दर्जन से ज्यादा जिलों में NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव और उसके परिवार की फर्मों को स्वास्थ्य विभाग में हर ठेका और टेंडर मिला। मुकेश श्रीवास्तव पर केवल NRHM घोटाले का ही आरोप नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग में उसने नियमों के विपरित कई काम किए हैं। सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक, मंत्री और नेताओं ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम तक की है। इसके बाद भी NRHM के आरोपी और उसके परिवार की फर्मों को यूपी के स्वास्थ्य विभाग में बोलबाला बना है।
उत्तर प्रदेश शासन के सचिव रंजन कुमार ने 06 नवंबर 2023 को प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक निर्देश जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि, शासन के संज्ञान में आया है कि स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश के अनेक जनपदों में कराये जा रहे टेण्डर प्रक्रिया में अनियमितता की जा रही है। टेण्डर भ्रष्टाचार में लिप्त एजेन्सी/परिवार को दिये जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में जन प्रतिनिधियों से निरन्तर शिकायतें प्राप्त हो रही है।
उन्होंने आगे कहा था कि, इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि “किसी भी परिस्थिति में भ्रष्टाचार में लिप्त एजेन्सी/परिवार को कार्य न मिले।” के सम्बन्ध में अग्रेतर/ आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये कृत कार्यवाही से शासन को तत्काल अवगत कराएं। दरअसल, ये आदेश मुकेश श्रीवास्तव और उसके परिवार से जुड़े लोगों के फर्मों को मिल रहे काम पर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के मठाधीश अफसर मुकेश श्रीवास्तव पर मेहरबान हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश के करीब एक दर्जन जनपद में भ्रष्टाचारी मुकेश और उससे जुड़ी हुई फर्में स्वास्थ्य विभाग में काम कर रही हैं।
मुकेश पर आखिर इतना मेहरबान क्यों हैं स्वास्थ्य विभाग?
NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव पर आखिर स्वास्थ्य विभाग इतना क्यों मेहरबान है इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी के विधायक और मंत्री भी हैरान हैं। दरअसल, मुकेश और उससे जुड़ी हुई फर्मों की लगातार शिकायत हुई इसके बाद भी वो फर्में बदलकर लगातार स्वास्थ्य विभाग में बड़े काम कर रहा है। यही नहीं, सीएमओ की ट्रांसफर पोस्टिंग में भी वो बड़ा खेल करता था, जो पर्दाफाश न्यूज पहले ही आपको बता चुका है।