BSP, सपा ही नहीं भाजपा सरकार में भी NRHM के आरोपी पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव का बोलबाला है। अकेले मुकेश ही नहीं उसके परिवार के लोगों की भी स्वास्थ्य विभाग में तूती बोलती है। भाजपा सरकार में तमाम भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसी गई लेकिन मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़े लोग छूट गए।
लखनऊ। BSP, सपा ही नहीं भाजपा सरकार में भी NRHM के आरोपी पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव का बोलबाला है। अकेले मुकेश ही नहीं उसके परिवार के लोगों की भी स्वास्थ्य विभाग में तूती बोलती है। भाजपा सरकार में तमाम भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसी गई, लेकिन मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़े लोग छूट गए। लिहाजा, आज भी इस भ्रष्टाचारी और इससे जुड़े लोग प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में निडर होकर काम कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव समेत विभाग के अन्य आला-अफसर भ्रष्टाचारी पर मेहरबान बने हुए हैं? जिसके कारण ये आसानी से स्वास्थ्य विभाग में ठेका और टेंडर हासिल कर ले रहा है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में मुकेश और उसके परिवार से जुड़ी एक, दो नहीं कई फर्में काम कर रही हैं। इसकी कई फर्मों को शिकायत के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था बावजूद स्वास्थ्य विभाग में ये करोड़ों रुपयों का काम आज भी कर रहा है। मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी फर्मों पर कार्रवाई नहीं होने से एक सवाल तो साफ उठ रहा है कि, आखिर विभाग की ऐसी क्या मजबूरी है जो मुकेश और उससे जुड़ी फर्मों को करोड़ों का काम दे रही है?
कई CMO निभा रहे हैं भ्रष्टाचारी से दोस्ती
पर्दाफाश न्यूज को एक अहम जानकारी हाथ लगी है। सूत्रों ने बताया कि, प्रदेश में करीब दो दर्जन जिले ऐसे हैं, जहां पर मुकेश और उसके परिवार से जुड़े करीबी सीएमओ की तैनाती है। अपने करीबी सीएमओ की मदद से ये उन जिलों में आसानी से काम कर रहा है। कई जगह तो ये अपने कई करीबियों की फर्म की मदद से काम कर रहा है और सीएमओ इस भ्रष्टाचारी पर अपनी मेहरबानी बनाए हैं।
दर्जनों बार हुईं हैं भ्रष्टाचारी की शिकायत
मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी हुई फर्मों की दर्जनों से ज्यादा शिकायत डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से लेकर मुख्यमंत्री तक की गयी है। इन शिकायतों के बाद इसकी कुछ कंपनियों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया और इसके और इससे जुड़ी हुई फर्मों को काम नहीं देने का आदेश भी दिया गया, लेकिन ये सब सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया।