नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना का विशेष महत्व है। इस दिन कलश स्थापित करके हम देवी मां दुर्गा को आमंत्रित करते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाते हैं।
Navratri Kalash Pujan : नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना का विशेष महत्व है। इस दिन कलश स्थापित करके हम देवी मां दुर्गा को आमंत्रित करते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाते हैं। घटस्थापन अर्थात नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित शक्तित्त्व का घट अर्थात कलश में आह्वान कर उसे सक्रिय करना। शक्तितत्व के कारण वास्तु में उपस्थित नकरात्म्क तरंगे नष्ट हो जाती हैं। घटस्थापना में सर्वप्रथम खेत की मिट्टी लाकर उसमे पांच अथवा सात प्रकार के धान बोए जाते हैं। आइये जानते है नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना क्यों की जाती है और इसके क्या नियम हैं।
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2024 से हो रही है जोकि 11 अक्टूबर तक चलेगी। ऐसे में नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता हैं।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि काे पहले दिन कलश स्थापना करने के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। कलश स्थापना के लिए पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है और घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा दोपहर में भी कलश स्थापना का मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में है। यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। दिन में आप 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट के बीच कभी भी कलश स्थापना कर सकते हैं। दोपहर में आपको 47 मिनट का शुभ समय मिलेगा।
कलश में जल, अक्षत, रोली, मौली आदि भरकर उसे स्थापित करने से देवी मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है। हिन्दू धर्म के लोग ये परंपरा कई वर्षों से मनाते चले आ रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि कलश मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। यह सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है जो घर में शांति और समृद्धि लाता है।
1. घट में गंदी मिट्टी और गंदे पानी का प्रयोग न करें।
2. घट को एक बार स्थापित करने के बाद उसे 9 दिनों तक हिलाएं नहीं।
3.गलत दिशा में घट स्थापित न करें, जहां घट स्थापित कर रहे हैं, वह स्थान और आसपास का स्थान स्वच्छ होना चाहिए।
4.शौचालय या बाथरूम के आसपास घट स्थापित नहीं होना चाहिए, घट को अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए।