अखिलेश यादव ने मंगलवार मीडिया से बातचीत करते हुए निष्कासित विधायकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, अब टेक्निकल इश्यू खत्म हो गया, अब ये मंत्री बन जाएं। दरअसल, सपा से निकाले गए तीनों विधायक हाल ही में भाजपा नेताओं के संपर्क में थे। बीते साल हुए राज्यसभा चुनाव में भी ये भाजपा के पक्ष में खड़े थे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि, हमने उन्हें पहले ही माफ कर दिया था, अब बीजेपी भी उन्हें मंत्री बना ही दें।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए गए तीनों विधायकों और संजय सेठ पर अखिलेश यादव ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, अब टेक्निकल इश्यू खत्म हो गया है और अब ये मंत्री बन सकते हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने सोमवार को राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडेय को पार्टी से निष्कासित कर दिया। ये तीनों विधायकों पर भाजपा के साथ मिले होने का आरोप है।
अखिलेश यादव ने मंगलवार मीडिया से बातचीत करते हुए निष्कासित विधायकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, अब टेक्निकल इश्यू खत्म हो गया, अब ये मंत्री बन जाएं। दरअसल, सपा से निकाले गए तीनों विधायक हाल ही में भाजपा नेताओं के संपर्क में थे। बीते साल हुए राज्यसभा चुनाव में भी ये भाजपा के पक्ष में खड़े थे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि, हमने उन्हें पहले ही माफ कर दिया था, अब बीजेपी भी उन्हें मंत्री बना ही दें।इसके साथ ही बिना नाम लिए अखिलेश यादव ने संजय सेठ पर भी बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, वो लोग जो खुद को बड़ा कारोबारी समझते हैं, असल में राजनीति की बोली लगाते हैं।
बता दें कि, समाजवादी पार्टी की तरफ से सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर तीनों विधायकों के निकाले जाने की जानकारी दी गयी थी। सपा की तरफ से कहा गया था कि, समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में विधायक गोशाईगंज अभय सिंह, विधायक गौरीगंज राकेश प्रताप सिंह और विधायक ऊँचाहार मनोज कुमार पाण्डेय क पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
आगे लिखा कि, इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियाँ सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी।