कूड़ा निस्तारण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। कूड़ा निस्तारण के नाम पर सरकारी खजाने को लूटने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। दरअसल, SLTC की बैठक में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने E-Way Bill और RDF को लेकर बड़ा सवाल उठाया।
लखनऊ। कूड़ा निस्तारण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। कूड़ा निस्तारण के नाम पर सरकारी खजाने को लूटने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। दरअसल, SLTC की बैठक में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने E-Way Bill और RDF को लेकर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कंपनियों से इसके बारे में जानकारी मांगी है। सूत्रों की माने तो कंपनियां E-Way Bill और RDF की जानकारी नहीं दे पाईं, जिससे साफ है कि कूड़े को कंपनियां नदियों और गड्ढों में फेक रही हैं। ऐसे में अब इनपर कार्रवाई की तलावार लटक रही है।
दरअसल, पर्दाफाश न्यूज लगातार कूड़ा निस्तारण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहा था। पर्दाफाश न्यूज ने कई ऐसी कंपनियों के बारे में भी जानकारी दी, जो कूड़े को गंगा नदी के साथ ही गड्ढों में फेंक रहे हैं। इसकी फोटो और वीडियो भी सामने आई है। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इसकी शिकायत भी हुई है। वहीं, अब SLTC की बैठक में ये सभी मुद्दे उठे हैं, जिसके बाद मानवता और पार्यावरण के खिलाफ ऐसा काम करने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी शुरू हो गयी है।
इन जिलों में काम करने वाली कंपनियों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि, रामपुर, फर्रूखाबाद, गाजियाबाद, कुशीनगर, उन्नाव, देवरिया, बहराइच, उन्नाव (नगर पालिका परिषद, गंगाघाट), बिजनौर, एटा, कासगंज, पीलीभीत, शामली और हाथरस में कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। SLTC की बैठक में यहां काम करने वाली कंपनियों ने E-Way Bill और RDF के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए हैं, जिसके बाद साफ हो गया कि, कूड़ा निस्तारण के नाम पर यहां काम करने वाली कंपनियां सिर्फ भ्रष्टाचार कर रही हैं।
तीन कंपनियां जल्द हो सकती है ब्लैकलिस्ट
सूत्रों की माने तो, कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली तीन कंपनियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। इन कंपनियों को जल्द ही ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है, जिसमें आकांक्षा इंटरप्राइेजज, मेसर्स पाथाया समेत एक अन्य कंपनी शामिल हैं। इसके साथ ही ये कंपनियां हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों में काम कर रही हैं, वहां भी इनके खिलाफ जांच चल रही है और इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। सूत्रों की माने तो इन कंपनियों ने जिलों में कूड़ा निस्तारण के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार किया है और कूड़े को नदी और गड्ढों में डाल दिया है।
आखिर कम रेट पर काम करने को क्यों तैयार हैं कंपनियां?
सबसे अहम बात ये है कि, कूड़ा निस्तारण के लिए बनाए गए रेट से भी कम दाम पर कंपनियां काम करने के लिए तैयार हैं और प्रदेश के कई जिलों में ये काम भी कर रही हैं। दअअसल, भारत सरकार ने 550 रुपये पर मिट्रीटन रेट तय किया गया है लेकिन यूपी में ये लोग 300 से 350 रुपये मिट्रीटन रेट के बीच काम कर रहे हैं। ऐसे में इतने कम रुपयों में आखिर ये कैसे काम करती हैं इससे तो साफ पता चल रहा है। सूत्रों की माने इनकी जांच हो तो कूड़ा निस्तारण का सच सामने आ जाएगा।
पर्यावरण और लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहीं कंपनियां
सबसे अहम है कि, कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली ये कंपनियां पर्यावरण के साथ ही लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रही हैं। पर्यावरण विशेषज्ञओं ने इसको लेकर प्रधानमंत्री से भी शिकायत की है लेकिन ये कंपनियां पर्यावरण और लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं।