इसको लेकर एमपीआरडीसी ने टेंडर की तैयारी शुरू कर दी है। मप्र सड़क विकास निगम रोपवे निर्माण में एनएचएआइ के साथ समन्वय का काम करेगा। जहां भूमि की आवश्यकता है तो राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी।
भोपाल। भारत सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत मध्य प्रदेश में 17 स्थानों पर रोपवे बनाए जाएंगे। रोपवे परियोजनाओं में रानी रूपमति पवेलियन मांडू, सिद्धवारकट जैन मंदिर (ओमकारेश्वर), सैलानी आइलेंड खंडवा, रायसेन किला, पातालकोट तामिया, रामराजा मंदिर ओरछा, रनेह फाल खजुराहो, चौरागढ़ महादेव मंदिर पचमढ़ी और दुग्ध धारा अमरकंटक में रोपवे निर्माण किया जाएगा। नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के सहयोग से रोपवे का निर्माण कराया जाएगा।
इसको लेकर एमपीआरडीसी ने टेंडर की तैयारी शुरू कर दी है। मप्र सड़क विकास निगम रोपवे निर्माण में एनएचएआइ के साथ समन्वय का काम करेगा। जहां भूमि की आवश्यकता है तो राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। पहले चरण में जबलपुर, सागर, उज्जैन सहित चार जगहों पर रोपवे बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इनमें उज्जैन में रोपवे को लेकर काम शुरू हो गया हैं।
सिंहस्थ से पहले इसे पूरा करने की योजना है। प्रदेश में ये सभी रोपवे पर्वतमाला परियोजना के तहत बनाए जाएंगे। इनके लिए रेलवे से भूमि अधिग्रहण भी किया जा रहा है। उज्जैन के अलावा टिकिटोरिया माता मंदिर सागर में फनीकुलर रोपवे, एमपायर स्टेडियम से गुरुद्वारा जबलपुर एवं सिविक सेंटर से बलदेव बाग जबलपुर में रोपवे निर्माण किया जाएगा। शेष प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं में रानी रूपमति पवेलियन मांडू, सिद्धवारकट जैन मंदिर (ओमकारेश्वर), सैलानी आइलेंड खंडवा, रायसेन किला, पातालकोट तामिया एवं राजवाड़ा चौराहा इंदौर, ग्वालियर किले से फूलबाग चौराहा, रामराजा मंदिर ओरछा, भोपाल में गोल जोड तिराहा से न्यू मार्केट, कोकता ट्रांसपोर्ट नगर से नादरा बस स्टैंड, रनेह फाल खजुराहो, चौरागढ़ महादेव मंदिर पचमढ़ी और दुग्ध धारा अमरकंटक में रोपवे निर्माण किया जाएगा। नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के सहयोग से रोपवे का निर्माण कराया जाएगा।