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कानपुर नगर के डीएम पर वसूली व भ्रष्टाचार का लगाया गंभीर आरोप, अनुसूचित जाति का हूं इसलिए करते हैं प्रताणित : डॉ. हरिदत्त नेमी

कानपुर नगर के निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी (Suspended CMO of Kanpur Nagar Dr. Haridatt Nemi) का एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। जिसमें उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (Kanpur city District Magistrate Jitendra Pratap Singh) पर वसूली, भ्रष्टाचार और अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) का होने के कारण प्रताणित किये जाने का गंभीर आरोप लगाया था।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। कानपुर नगर के निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी (Suspended CMO of Kanpur Nagar Dr. Haridatt Nemi) का एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। जिसमें उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (Kanpur city District Magistrate Jitendra Pratap Singh) पर वसूली, भ्रष्टाचार और अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) का होने के कारण प्रताणित किये जाने का गंभीर आरोप लगाया था।

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डॉ. हरिदत्त नेमी (Dr. Haridatt Nemi)ने पत्र में उल्लेख किया है कि शासन के तरफ से 14 दिसंबर 2024 को जनपद कानपुर नगर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर मेरी तैनाती हुई। इसके बाद 16 दिसंबर 2024 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर नगर के पद पर पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के उपरान्त आरएसएस व जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की गयी, कि डॉ. सुबोध प्रकाश यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भण्डार व नोडल अधिकारी नर्सिंग होम के पद पर लगभग 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं, जो भ्रष्टाचार में संलिप्त व समाजवादी पार्टी के लिए कार्य करते हैं, जिस कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

डॉ. नेमी ने लिखा कि उक्त शिकायत के दृष्टिगत मैंने भी पाया कि डॉ. सुबोध यादव नियमों के विपरीत व पार्टी विशेष के लिए कार्य करते हैं तथा भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। जिसके कारण मैंने डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को उपरोक्त पदों से हटाते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी के पद पर स्थानान्तरित कर दिया। डॉ. सुबोध प्रकाश यादव के स्थानान्तरण से बौखलाये जिलाधिकारी कानपुर नगर जितेन्द्र प्रताप सिंह ने मुझे बुलाकर कहा कि डॉ. सुबोध प्रकाश यादव का स्थानान्तरण तत्काल निरस्त कर पूर्व पदों पर कार्य करने दो। तुम्हे सपा, भाजपा से क्या लेना देना? मैंने कहा कि डॉ. सुबोध प्रकाश यादव भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, एक विशेष पार्टी के लिए कार्य करते हैं। कानपुर नगर के आम-जनमानस व जनप्रतिनिधियों की काफी शिकायतें हैं। प्रथम दृष्टया मुझे भी शिकायतों की पुष्टि हुई है। जिस कारण इनका स्थानान्तरण रोका नहीं जा सकता है।

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इसके बाद डीएम साहब ने मुझसे कहा कि जो मैं कहता हूं वही करो, किसी भी जनप्रतिनिधि की नहीं सुननी है। सपा, भाजपा से हमारा तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है, जो मैं कहता हूं वही करो, लेकिन मेरे द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त डॉ. सुबोध प्रकाश यादव का स्थानान्तरण नहीं रोका गया, जिससे डीएम साहब नाराज हो गये। इसके अतिरिक्त डीएम साहब ने सीबीआई से चार्ज शीटेट फर्म मेजेएम फार्मा को 1,60,47,000.00 (एक करोड़ साठ लाख सैंतालिस हजार रुपये) का भुगतान करने के लिए मुझसे कहा गया।

मैंने इस पर कहा कि आपके कहने पर मैंने जांच समिति का गठन कर जांच करायी है, जिसमें फर्म सीबीआई जैसे गम्भीर भ्रष्टाचार में चार्ज शीटेट है तथा स्वास्थ्य विभाग से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। फर्म द्वारा आपूर्ति की गयी सामान अधोमानक, कम मात्रा में व बैच नम्बर के विपरीत है। ऐसी दशा में सीबीआई से आरोपित फर्म के अधोमानक सामान के क्रम में भुगतान नहीं किया जा सकता, जिस पर डीएम साहब मेरे ऊपर आग-बबूला हो गये और मुझे कहा तुम दलित जाति के मन्द बुद्धि के व्यक्ति हो, तुम्हे पैसा कमाना नहीं आता है तथा तुम्हे सिस्टम न
पता है।

डॉ. नेमी ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि डीएम साहब मुझसे वसूली चाहते थे, उन्होंने यह भी कहा कि सारे लोग सिस्टम में हैं। तुम क्यों नहीं? इस पर मैंने डीएम साहब से कहा कि सर मैने जनपद कानपुर नगर को सीएम डैसबोर्ड पर कई कार्ययोजनाओं में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान दिलाया है। जनपद कानपुर नगर को संचारी व संक्रामक रोगों के नियंत्रण पर राज्य स्पर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त समस्त योजनाओं में पहले की अपेक्षा मैने काफी बेहतरी से कानपुर नगर में स्वास्थ्य सेवाओं को बढाया। मेरे स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी व कर्मचारी दिन रात अथक मेहनत कर रहे हैं। इन सब के बावजूद भी डीएम साहब अपने रौद्र रूप को दिखाते हुए एक दलित समुदाय के अधिकारी को प्रताणित करने व वसूली करने के उद्देश्य से लगातार प्रताणना देते चले आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को अनर्गल परेशान कर रहे हैं। मुझे सरेआम मीटिंग से भगाने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए प्रताणित कर रहे हैं।

सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा कि महोदय मैं अनुसूचित जाति से आता हूं, मेरे द्वारा कानपुर नगर में स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी से कार्य किया गया है। जिसका जीता जागता उदाहरण कानपुर नगर के स्वास्थ्य सेवाओं का पैरामीटर है। जो यह खुद दर्शाता है कि मैने व अन्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने कितने लगन से कार्य किया है। समस्त जनप्रतिनिधि व आम जनमानस मेरी कार्यशैली से संतुष्ट हैं। डॉ. नेमी ने कहा कि अतः कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह से एक अनुसूचित जाति के अधिकारी (मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कानपुर नगर) की रक्षा की जाये और न्याय दिलाया जाये।

 

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