शीतला मां को दिव्य पार्वती देवी और दुर्गा माता का अवतार कहा जाता है। देवी शीतला संक्रमण की बीमारी चेचक को देने और ठीक करने दोनों के लिए जानी जाती हैं।
Sheetala Saptami Vrat 2024: शीतला मां को दिव्य पार्वती देवी और दुर्गा माता का अवतार कहा जाता है। देवी शीतला संक्रमण की बीमारी चेचक को देने और ठीक करने दोनों के लिए जानी जाती हैं। इसलिए, इस दिन हिंदू भक्तों द्वारा अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए माता शीतला की पूजा की जाती है। ’शीतला’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ’ठंडा’, जो अपनी शीतलता से इन रोगों को ठीक करने का संकेत देता है। मां शीतला की पूजा करने से आपको खराब स्वास्थ्य से उबरने में मदद मिल सकती है। चैत्र की शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखा जाता है। उदय तिथि के अनुसार शीतला सप्तमी 1 अप्रैल को मनाई जाएगी। शीतला माता शीतलता प्रदान करने वाली देवी मानी गई हैं।
शीतला सप्तमी व्रत
सोमवार, 01 अप्रैल 2024
सप्तमी तिथि प्रारंभ : 31 मार्च 2024 को रात 09:30 बजे
सप्तमी तिथि समाप्त : 01 अप्रैल 2024 को रात्रि 09:09 बजे
शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त – प्रातः 06:11 से सायं 06:39 तक
देवी शीतला को भारत में अलगअलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि भारत के दक्षिण राज्यों में ‘देवी पोलेरम्मा’ या ‘देवी मरिअम्मन’ के रूप में पूजा जाता है।भारत के राज्य कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, शीतला सप्तमी जैसा एक समान त्योहार मनाया जाता है, जिसे ‘पोलाला अमावस्या’ के नाम से जाना जाता है।
शीतला सप्तमी के दिन आमतौर पर लोग सुबह जल्दी उठकर गुनगुने पानी से स्नान करते हैं।
शीतला माता के नाम पर विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है।
आशीर्वाद प्राप्त करने और आनंदमय और स्वस्थ जीवन पाने के लिए कई अनुष्ठान किए जाते हैं। शीतला सप्तमी व्रत कथा पढ़ना इस पवित्र दिन के अनुष्ठानों में से एक है।