Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले राज्य की सियासत गरमाई हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी की रैली में होने वाले खर्च को लेकर केंद्र व बिहार सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रैलियों के माध्यम से बिहार की जनता का 20 हजार करोड़ लूटने और लुटाने वाले गुनहगार ऊपर से ईमानदार, तारणहार और खेवनहार बनने का नाटक रच रहे है।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले राज्य की सियासत गरमाई हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी की रैली में होने वाले खर्च को लेकर केंद्र व बिहार सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रैलियों के माध्यम से बिहार की जनता का 20 हजार करोड़ लूटने और लुटाने वाले गुनहगार ऊपर से ईमानदार, तारणहार और खेवनहार बनने का नाटक रच रहे है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम नरेंद्र मोदी की एक रैली पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का दावा किया। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 5 चुनावों में पीएम बिहार में 200 से अधिक रैली एवं जनसभा कर चुके है। तेजस्वी यादव ने लिखा, “सरकारी खर्चे से यानि जनता की पॉकेट से प्रधानमंत्री की एक रैली का खर्चा- 100 करोड़… विगत 𝟓 चुनावों में प्रधानमंत्री जी बिहार में 200 से अधिक रैली एवं जनसभा कर चुके है। इसलिए जनता की जेब से निकला कुल खर्च:- रैली/जनसभा- 200
एक रैली पर खर्च- 100 करोड़ … खर्चा- 200 *100 = 20,000 करोड़! YES! 20 हजार करोड़!!!!!!!’
नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा, ‘आयोजन का बहाना है सरकारी लेकिन प्रयोजन है प्रचार चुनावी। सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी केंद्र की 11 वर्षों एवं बिहार की 20 वर्षों की NDA सरकार की उपलब्धियों व खामियों इत्यादि का ज़िक्र ना कर के केवल विपक्ष को गाली देने के लिए बिहार आते है तथा एक कार्यक्रम पर जनता की जेब से 100 करोड़ रुपए खर्च निकलवाते है।’
तेजस्वी ने सवाल करते हुए लिखा, ‘चालाकी से अपने प्रचार-प्रसार और चेहरा चमकाने के लिए जनता की जेब से हजारों करोड़ रुपए निकलवाने वालों को आप क्या कहेंगे? बिहार जैसे गरीब राज्य को कुछ दे नहीं सकते तो लेते भी क्यूं हो?’ रैलियों के माध्यम से बिहार की जनता का 20 हजार करोड़ लूटने और लुटाने वाले गुनहगार ऊपर से ईमानदार, तारणहार और खेवनहार बनने का नाटक रच रहे है? और हाँ! जनता की पॉकेट मारने वाले को पॉकेटमार ही कहा जाता है, मददगार नहीं?’