इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) को मजबूत करने के लिए एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम उठाया है। अब लेफ्टिनेंट कर्नल या उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ अधिकारी आधिकारिक संचार के लिए केवल iPhone का उपयोग करेंगे। सुरक्षा कारणों से Android फोन को पूरी तरह बैन कर दिया गया है।
नई दिल्ली। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) को मजबूत करने के लिए एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम उठाया है। अब लेफ्टिनेंट कर्नल या उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ अधिकारी आधिकारिक संचार के लिए केवल iPhone का उपयोग करेंगे। सुरक्षा कारणों से Android फोन को पूरी तरह बैन कर दिया गया है। यह फैसला सेना में हुई कई डिजिटल सेंधमारी (Digital Infiltration) कोशिशों और बढ़ती साइबर जासूसी (Cyber Espionage) गतिविधियों के बाद लिया गया है।
क्यों लगा एंड्रॉयड पर बैन?
इजरायल की आर्मी रेडियो और जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार एंड्रॉयड डिवाइसों पर साइबर घुसपैठ का खतरा ज्यादा पाया गया। हाल के वर्षों में सैनिकों और अधिकारियों को निशाना बनाने वाले कई हनी पॉट हमले सामने आए थे, जहां नकली प्रोफाइल के जरिए फोन में मैलवेयर डालकर लोकेशन और संवेदनशील डेटा चुराने की कोशिश की गई थी।
इजरायल नेशनल न्यूज (Israel National News) के अनुसार नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सैन्य कामों के लिए केवल iPhone का उपयोग किया जाएगा। किसी भी एंड्रॉयड फोन को ऑपरेशनल या कमांड से जुड़ी गतिविधियों में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, एंड्रॉयड डिवाइस को केवल निजी उपयोग के लिए ही अनुमति दी जाएगी।
Google को लगा झटका
यह फैसला ऐसे समय आया है जब गूगल (Google) ने हाल ही में दावा किया था कि उनके Pixel स्मार्टफोन को अमेरिकी रक्षा विभाग (DoDIN) की सुरक्षा सूची में शामिल किया गया है। गूगल (Google) का कहना था कि Pixel में अत्याधुनिक सुरक्षा सिस्टम (Security System) है, लेकिन इजरायल डिफेंस फोर्स के अनुसार iPhone का बंद और नियंत्रित इकोसिस्टम (Controlled Ecosystem) अधिक सुरक्षित साबित हुआ।
आईडीएफ की रिसर्च में iPhone ज्यादा सुरक्षित
रिपोर्ट्स के मुताबिक आईडीएफ (IDF) ने बीते वर्षों में कई आंतरिक सुरक्षा अभ्यास किए, जिनमें हिज्बुल्लाह से जुड़े नकली खातों की तरह साइबर जाल (Cybernet) रचकर सैनिकों की डिजिटल सतर्कता (Digital Vigilance) जांची गई। इन अभ्यासों में पाया गया कि एंड्रॉयड डिवाइस (Android devices) अधिक जोखिम में थे।