प्रदेश में द्वितीय और कार्यपालिक तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती है तो तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाएं कराता है। अभी जैसे-जैसे विभागों की ओर से पद उपलब्ध होते हैं, वैसे-वैसे भर्ती वाली ये दोनों एजेंसियां अपने कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं कराती हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली चयन परीक्षा में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से होने वाली भर्ती परीक्षाएं अब बार-बार नहीं होंगी। संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर वर्ष में एक बार परीक्षा होगी और सभी श्रेणी के पदों के लिए मेरिट के हिसाब से सूची बन जाएगी।
प्रतीक्षा सूची भी एक ही रहेगी। इसके लिए पदों की संख्या सभी विभागों से वर्ष में एक बार पूछ ली जाएंगी और उसके आधार पर सितंबर में कैलेंडर निर्धारित हो जाएगा। जनवरी 2026 से चयन की यह प्रक्रिया लागू करने की तैयारी में सामान्य प्रशासन विभाग जुटा है।
प्रदेश में द्वितीय और कार्यपालिक तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती है तो तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाएं कराता है। अभी जैसे-जैसे विभागों की ओर से पद उपलब्ध होते हैं, वैसे-वैसे भर्ती वाली ये दोनों एजेंसियां अपने कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं कराती हैं। इसमें न केवल समय लगता है बल्कि अभ्यर्थियों को बार-बार फीस देनी पड़ती है तो एजेंसियों को परीक्षाएं आयोजित करने के लिए मानव संसाधन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं करनी होती हैं।
भर्ती नियम भी अब एक जैसे होंगे
विभागों के भर्ती नियम भी अब एक जैसे होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ही इन्हें बनाकर अधिसूचित करने के लिए देगा। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि एकरूपता रहे। इसमें समान प्रकृति के पदों के लिए एक जैसे नियम हो जाएंगे। साथ ही यह लाभ भी होगा कि परीक्षा कराने वाली एजेंसियों को विज्ञापन निकालते समय विभागीय भर्ती नियम के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और समय पर विज्ञापन जारी हो जाएंगे।
दो-ढाई लाख पदों पर होंगे भर्तियां
प्रदेश में आगामी दो-तीन साल में दो से ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्तियां होनी हैं। इसमें रिक्त पदों के साथ पदोन्नति होने पर खाली होने वाले पद भी शामिल हैं। ये सभी पद समयसीमा में भर जाएं, इसके लिए चयन प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है।