सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन सशक्तिकरण विभाग ने सभी कलेक्टरों को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रमुख सचिव सोनाली वायंगणकर ने बताया कि तिथियों के निर्धारण का उद्देश्य कार्यक्रम की बेहतर मॉनिटरिंग और प्रभावी क्रियान्वयन है।
भोपाल: राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह और कन्या निकाह योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब यह आयोजन पूरे साल में सिर्फ चार तय तारीखों पर ही होंगे—बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, तुलसी विवाह (देव उठनी ग्यारस) और एक अतिरिक्त तिथि जो विभाग तय करेगा।
यह व्यवस्था 15 मई 2025 से लागू होगी। सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन सशक्तिकरण विभाग ने सभी कलेक्टरों को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रमुख सचिव सोनाली वायंगणकर ने बताया कि तिथियों के निर्धारण का उद्देश्य कार्यक्रम की बेहतर मॉनिटरिंग और प्रभावी क्रियान्वयन है। नई व्यवस्था के तहत सामूहिक विवाह आयोजनों में कम से कम 11 और अधिकतम 200 जोड़े ही शामिल हो सकेंगे।
योजना के तहत वधू के खाते में 49 हजार रुपए सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे, जबकि आयोजन की व्यवस्थाओं के लिए 6 हजार रुपए आयोजक को दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं। उनका सत्यापन बीपीएल पोर्टल के जरिए किया जाएगा। साथ ही, वर-वधू दोनों की आधार ई-केवाईसी और समग्र पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य होगा। सरकार की मंशा है कि इन आयोजनों को सामाजिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से और अधिक सार्थक बनाया जाए। इसके लिए संभागवार वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा और उसी के अनुसार कार्यक्रम आयोजित होंगे।