बच्चों को ठंड से बचाने के लिए बच्चों को अच्छी तरह से कवर करने के लिए दिनभर डाइपर पहनाना मजबूरी होती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चों को रैशेज और डिसकंफर्ट का कारण बन जाती है। इसलिए अगर आप दिनभर बच्चे को डाइपर पहना रहे है तो डॉक्टर्स की दी इस सलाह को ध्यान में जरुर रखें।
बच्चों को ठंड से बचाने के लिए बच्चों को अच्छी तरह से कवर करने के लिए दिनभर डाइपर पहनाना मजबूरी होती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चों को रैशेज और डिसकंफर्ट का कारण बन जाती है। इसलिए अगर आप दिनभर बच्चे को डाइपर पहना रहे है तो डॉक्टर्स की दी इस सलाह को ध्यान में जरुर रखें।
एक वेबसाइड में प्रकाशित लेख के अनुसार बच्चों के डाइपर को हमेशा दो घंटे में बदल देना चाहिए। जबकि डॉक्टरर्स का कहना है कि बच्चे जितनी बार पेशाब करें उसका डाइपर बदल देना चाहिए। इससे बच्चों को संक्रमण का खतरा नहीं होता।
बच्चों को डायपर पहनाने पर चेक करते रहे। अगर डायपर जरा भी गीला लग रहा है तो तुरंत बदल दें। बच्चे की स्किन पर लगने वाला गीलापन ही रैशेज और इंफेक्शन का कारण बनता है।
बच्चों के प्राइवेट पार्ट्स को सूखा रखने के लिए भूलकर भी टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल न करें। पाउडर के छोटे कण शरीर के अंदर जाने का डर रहता है। जिससे इंफेक्शन हो सकता है।
रात में सोने से पहले बच्चे का डायपर चेक करके सोये। हो सके तो बदल दें। साथ ही स्किन को गीले कपड़े से पोछ कर सूखाकर अच्छी तरह से मॉइस्चराइजरक या बेबी ऑयल लगा लें। बच्चों की स्किन पर केमिकल फ्री नेचुरल मॉइस्चराइजर जैसे नारियल तेल लगा लें। इससे स्किन बैक्टीरिया फ्री रखने और सूखा रखने में मदद करेगा।
बच्चों को डायपर वाली जगह सफाई के लिए दिनभर वाइप्स का इस्तेमाल न करें। इससे स्किन में गीलापन रह जाता है और रैशेज का कारण बनता है। बच्चों को दिन में कुछ घंटे बिना डायपर के जरुर रखें। इससे स्किन नेचुरली सूख जाए और रैशेज कम हो।