सांची और खजुराहो में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों पर 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके लिए मुख्यत: हेरिटेज टाउन, पर्यटन स्थल और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व के नगरों को चुना जाएगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश में ग्रीन सिटी मिशन की शुरूआत सरकार ने की है। इस मिशन का उद्देश्य उर्जा के माध्यम से बिजली का उत्पादन करना है वहीं शहरों में भी उर्जा के माध्यम से ही बिजली का प्रदाय करना है। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए है और आगामी दो वर्षों में प्रदेश के दस शहरों का ग्रीन सिटी के रूप में विकास करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
सांची और खजुराहो में पायलट प्रोजेक्ट शुरू
सांची और खजुराहो में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों पर 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके लिए मुख्यत: हेरिटेज टाउन, पर्यटन स्थल और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व के नगरों को चुना जाएगा। मप्र सरकार ने प्रदेश के 10 शहरों को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह पहल न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य को सतत विकास की दिशा में आगे ले जाने का एक सशक्त प्रयास भी है।
नगरों के चयन की प्रक्रिया जारी
ग्रीन सिटी के तौर पर विकास के लिए नगरों के चयन की प्रक्रिया जारी है। इसमें महेश्वर, चंदेरी, मांडू, ओरछा, अमरकंटक, भीमबेटका, ओंकारेश्वर, चित्रकूट जैसे नगरों के चयन पर विचार चल रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 की गाइडलाइन में इस संबंध में प्रावधान किया गया है। नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के एसीएस मनु श्रीवास्तव के अनुसार चयनित नगरों में सालभर घरेलू व व्यावसायिक उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करते हैं उसका 75 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से सप्लाई करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के भवनों में शत प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग होगा।