जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
Janmashtami tithi 2205 : जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण हिन्दू धर्म में सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। इस शुभ अवसर पर भक्त भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं। रात 12 बजे कृष्ण जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है।
जन्माष्टमी 2025 तिथि
पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट पर अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो 16 अगस्त रात्रि 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।
बन रहे हैं योग
16 अगस्त की रात्रि और 17 अगस्त की भोर में सुबह 4 बजकर 38 मिनट से सुबह 5 बजकर 55 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और ज्वालामुखी योग भी रहेगा। बाकी 2 तो शुभ योग हैं, लेकिन ज्वालामुखी योग अशुभ है, जिससे बचने के लिए आपको भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा से पहले विघ्नहर्ता श्री गणेश ओर संकट मोचन हनुमान जी की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
इन मंत्रों से करें भगवान कृष्ण की पूजा
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
ओम कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नमः
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
श्री कृं कृष्ण आकृष्णाय नमः
मोर-पंख
श्री कृष्ण भगवान के दर्शन करके उन्हें मोर-पंख अवश्य अर्पित करें।