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जातिगत जनगणना को लेकर जनजागरूकता अभियान, जून में राहुल आएंगे भोपाल

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। पटवारी ने कहा- राहुल गांधी ने पिछले 11 साल में दो लाख बार अलग-अलग मंचों से जातिगत जनगणना कराने की बात कही, लेकिन नरेन्द्र मोदी और भाजपा के तमाम नेताओं ने जातिगत जनगणना को लेकर अलग-अलग तरह के बयान दिए।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जून के महीने में भोपाल आएंगे। एमपी कांग्रेस की ओर से भोपाल में जातिगत जनगणना को लेकर प्रदेश व्यापी जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। भोपाल में जातिगत जनगणना को लेकर एक बड़ा सम्मेलन होगा। इसमें राहुल गांधी शामिल होंगे।

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पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। पटवारी ने कहा- राहुल गांधी ने पिछले 11 साल में दो लाख बार अलग-अलग मंचों से जातिगत जनगणना कराने की बात कही, लेकिन नरेन्द्र मोदी और भाजपा के तमाम नेताओं ने जातिगत जनगणना को लेकर अलग-अलग तरह के बयान दिए। पटवारी ने कहा- नरेन्द्र मोदी ने जातिगत जनगणना को लेकर कहा था कि जातियों की बात करना पाप है। जो जातियों की बात करता है, वह पापी आदमी है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था बटोगे तो कटोगे। यह बयान भी जातिगत जनगणना के खिलाफ ही दिया था।

केन्द्र सरकार के बहुत समझदार मंत्री नितिन गडकरी हैं, उन्होंने कहा था जो करेगा जात-पात की बात, उसको मैं मारूंगा लात। हमारे शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव ने भी ऐसी बातें कहीं हैं। मोहन यादव ने तो चार जातियां बताईं थीं। उन्होंने कहा था देश में चार जातियां हैं, किसान, युवा, गरीब और महिला। ये भी उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर क्रिटिसिज्म ही किया था। पटवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को सामाजिक समानता का आधार बनाकर इसे न केवल राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बनाया, बल्कि भाजपा की वंचित-विरोधी नीतियों की पोल खोल दी। 2023 से 2024 तक उन्होंने संसद में, रैलियों में, प्रेस कॉन्फ्रेंस में और सोशल मीडिया पर इस मुद््दे को आंधी की तरह उठाया। तेलंगाना के जातिगत सर्वेक्षण को एक पारदर्शी और समावेशी मॉडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए, उन्होंने 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को हटाने की मांग उठाकर भाजपा की दलित, पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को ललकारा है। यह राहुल गांधी का अडिग संकल्प और मध्यप्रदेश कांग्रेस का साथ था, जिसने भाजपा को इस ऐतिहासिक फैसले के लिए मजबूर किया। पटवारी ने कहा- जातिगत जनगणना की यह जीत राहुल गांधी की उस लंबी लड़ाई का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने बार-बार भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को न केवल उजागर किया, बल्कि उन्हें वापस लेने के लिए बाध्य किया।

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