बोवनी के लिए किसान खेतों को तैयार कर रहे हैं, वहीं खाद की जुगाड़ में भी जुट गए हैं। इसका असर प्रदेश के सभी 55 जिलों में देखने को मिल रहा है।
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों को खाद की चिंता सताने लगी है और यही कारण है कि खाद वितरण केन्द्रों पर किसानों की कतार लगने लगी है। हालांकि अभी मानसून आने में देरी है वहीं बोवनी के लिए किसानों द्वारा खेतों को भी तैयार किया जा रहा है लेकिन किसान फिलहाल खाद की पूर्ति करने में जुट गए है ताकि बोवनी के समय खाद की जरूरत को पूरा किया जा सके।
बोवनी के लिए किसान खेतों को तैयार कर रहे हैं, वहीं खाद की जुगाड़ में भी जुट गए हैं। इसका असर प्रदेश के सभी 55 जिलों में देखने को मिल रहा है। अधिकांश खाद वितरण केंद्रों पर 24 घंटे किसान कतार में नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि कभी-कभी रात-दिन की मेहनत के बाद भी किसानों को एक बोरी खाद नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि प्रदेश में खरीफ सीजन के लिए पर्याप्त खाद है।
प्रदेश में खरीफ फसल की बोवनी का रकबा 125 लाख हेक्टेयर
गौरतलब है कि प्रदेश में खरीफ फसल की बोवनी का रकबा 125 लाख हेक्टेयर है। इसके लिए करीब 17 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार एडवांस में 10-15 लाख मीट्रिक टन खाद बुलाती थी, जबकि इस साल 17 लाख मीट्रिक टन खाद के लिए केन्द्र सरकार के माध्यम से सप्लाई का ऑर्डर पहले दे दिया है। वहीं दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में अभी किसानों की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त खाद है। लेकिन शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सीहोर, सिवनी, बालाघाट सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्थिति यह है कि किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।