खराब जीवनशैली के चलते अधिकतर महिलाओं को आज कर पीसीओएस की समस्या हो रही है। पीसीओएस के कारण अंडाशय का आकार बढ़ जाता है और छोटे छोटे सिस्ट या गांठ बन जाते है। इससे गर्भधारण की राह भी मुश्किल हो जाती है।
खराब जीवनशैली के चलते अधिकतर महिलाओं को आज कर पीसीओएस की समस्या हो रही है। पीसीओएस के कारण अंडाशय का आकार बढ़ जाता है और छोटे छोटे सिस्ट या गांठ बन जाते है। इससे गर्भधारण की राह भी मुश्किल हो जाती है।
इतना ही नहीं मोटापा शुगर, तनाव, बीपी और थायरॉयड जैसी समस्याएं शुरु हो सकती है। बांझपन की दर तेजी से बढ़ रही है। योग गुरु बाबा रामदेव ने महिलाओं की इस समस्या से छुटकारा दिलाने के कुछ उपाय बताए है।
पीसीओएस तक एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरी नॉर्मल से अधिक एग बनाता है। इसके कारण ओवरी में सिस्ट भी बनने लगता है, इसके कारण कई सारी समस्या होने लगती है। जैसे इरेगुलर पीरियड्स चेहरे पर मुहांसे, मोटापा और मूड स्विंग्स होना यह सब पीसीओएस और पीसीओएडी की समस्या है। यह अक्सर खराब लाइफस्टाइल और डाइट के कारण होती है।
पीसीओएस में सभी महिलाएं ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील नहीं होती हैं। हालांकि, कम से कम एक महीने तक ग्लूटेन-मुक्त रहने से पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। डेयरी उत्पाद एंड्रोजन के स्तर को बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध को खराब करने में मदद करते हैं।
डेयरी उत्पादों से दूर रहने से इंसुलिन प्रतिरोध के संघर्ष को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। चिप्स और जंक फूड को पूरी तरह से अवॉइड करना चाहिए। क्योंकि यह पीसीओडी और पीसीओएस को ट्रिगर कर सकती है।
पीसीओएस के मरीज इन फूड आइटम को अवाइड करें। जैसे तले हुए फूड आइटम फ्रेंच फ्राइज़, आलू के चिप्स, कॉर्न चिप्स और फ्राइड चिकन या मछली. साथ ही फैट-मक्खन भी खाने से बचें। इसके अलावा रेड मीट, हैमबर्गर, रोस्ट बीफ़ और स्टेक, प्रोसेस्ड लंच मीट और हॉट डॉग खाने से बचें। साथ ही साथ प्रोसेस्ड स्नैक्स केक, कुकीज़, कैंडी और पाई भी खाने से पीसीओएस और पीसीओएडी ट्रिगर हो सकती है।