ज्योतिषियों ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 25 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 26 मई को सुबह आठ बजकर 31 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है।
वट सावित्री का व्रत 26 मई को रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस व्रत को सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती है। ज्योतिषियों ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 25 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी।
वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 26 मई को सुबह आठ बजकर 31 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में वट सावित्री व्रत 26 मई को रखा जाएगा। स्नान-दान 27 मई को होगा।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या सनातन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सुख-समृद्धि व अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं व्रत रखकर वट सावित्री व्रत का पूजन करतीं हैं। पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों के निमित्त तर्पण-पिंडदान और दान की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन किए गए अच्छे कार्य व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख लाते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं।