संजय तिवारी आइए एक अलौकिक ज्ञान से परिचित हुआ जाय। यह कोई सामान्य जानकारी नहीं है। हमारा सनातन जिसे महाविज्ञान कहता है ,यह उसका एक अंश मात्र है। इस लोक को इसी महाविज्ञान से श्री हनुमान जी संचालित करते हैं। यह अद्भुत है। श्रीरामचरितमानस में सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें