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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, कर्मशीलता जीवन का ध्येय है और कार्य का मूल्यांकन तो समाज और संगठन करता है

सरकार विरासत के साथ विकास के मूल मंत्र पर कार्य करते हुए मध्यप्रदेश को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने इस वर्ष 4 लाख 21 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है।

By Shital Kumar 
Updated Date

मध्यप्रदेश अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भारत का सबसे तेज गति से बढ़ने वाला राज्य है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने पहले संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) और भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 आयोजित कीं, जिससे 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ।

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सरकार विरासत के साथ विकास के मूल मंत्र पर कार्य करते हुए मध्यप्रदेश को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने इस वर्ष 4 लाख 21 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है। आज प्रदेश में 100 से अधिक औद्योगिक पार्क स्थापित हो चुके हैं। हर सेक्टर में निवेशक उद्योग-व्यापार करने के लिए मध्यप्रदेश का रुख कर रहे हैं। यह प्रदेश की उपलब्धि है कि दक्षिण के राज्यों में कॉटन (कपास) के क्षेत्र में कार्य करने वाली औद्योगिक इकाइयां भी मध्यप्रदेश आ रही हैं। आगामी वर्षों में राज्य में बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही शासकीय पदों पर भी भर्ती जारी रहेगी।

हमारा देश जल्द ही अर्थव्यवस्था के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ेगा। मध्यप्रदेश सरकार व्यापार में निवेश बढ़ाने के साथ युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, इससे जर्मनी और जापान मैन पॉवर की कमी से जूझ रहे देशों में भी हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। जापान और जर्मनी जैसे टेक्नोलॉजी में हमसे आगे चल रहे देशों की नवीन तकनीकों का प्रदेश हित में लाभ लेने की दिशा में भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सरकार ने नई उद्योग नीति में रोजगार आधारित उद्योग स्थापित करने पर जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में अगर कोई रोजगार आधारित उद्योग लगाएगा तो उन्हें सब्सिडी प्रदान की जाएगी। प्रदेश में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से सहायता उपलब्ध कराई गई है। इन परियोजनाओं से राज्य का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। नर्मदा, केन-बेतवा जैसी बड़ी नदियां मध्यप्रदेश से ही निकलती है, प्रदेश के वन इन नदियों की समृद्धि का आधार हैं। इसलिये वनों का संरक्षण आवश्यक है। प्रदेश में सभी तरह के टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी नई पॉलिसी तैयार की गई है। हेल्थ टूरिज्म के लिए नए-नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। एयर एंबुलेंस जैसी सेवाएं शुरू कर राज्य में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गई हैं।

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