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Delhi EV Policy : दिल्ली ईवी नीति की समयसीमा खत्म, अभी तक नहीं मिला विस्तार

दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति जो पिछले साल 31 दिसंबर को समाप्त हो गई थी, उसे अभी तक बढ़ाया नहीं गया है। जिससे ग्राहक असमंजस में हैं क्योंकि वे नई इलेक्ट्रिक गाड़ी (EV) खरीदने पर सरकारी सब्सिडी हासिल करने में असमर्थ हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति जो पिछले साल 31 दिसंबर को समाप्त हो गई थी, उसे अभी तक बढ़ाया नहीं गया है। जिससे ग्राहक असमंजस में हैं क्योंकि वे नई इलेक्ट्रिक गाड़ी (EV) खरीदने पर सरकारी सब्सिडी हासिल करने में असमर्थ हैं।

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शुरुआती ईवी नीति (EV Policy) को 7 अगस्त 2020 को तीन साल की अवधि के लिए अधिसूचित किया गया था। और बाद में इसे 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 (Electric Vehicle Policy 2.0) को अभी भी तैयार किया जा रहा है और कुछ बिंदुओं को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। मौजूदा नीति को बढ़ाया जाएगा और फाइल को एक सप्ताह के भीतर मंजूरी दे दी जानी चाहिए।
परिवहन विभाग और दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन सेल ने भी पिछले साल संशोधित ‘दिल्ली ईवी नीति 2.0’ (Delhi EV Policy 2.0) के मसौदे की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में एक हितधारक परामर्श आयोजित किया था। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Transport Minister Kailash Gehlot) ने पहले पीटीआई को बताया था कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 वाहनों की रेट्रोफिटिंग को प्रोत्साहित करने पर विचार करेगी, इसकी उच्च लागत को देखते हुए।
उन्होंने कहा कि लोग अपने आईसीई (इंटरनल कंब्शन इंजन) वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलना चाहते हैं। यह प्रक्रिया महंगी है। एक सामान्य जिप्सी को ईवी (EV)  में बदलने में लगभग 5-6 लाख रुपये का खर्च आता है, जो कि ज्यादा है।

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