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पूर्व विधायक ने उठाई अलग चंबल प्रदेश की मांग, महापंचायत बुलाई

प्रस्तावित चंबल प्रदेश के लिए देश के तीन बड़े राज्यों- मध्यप्रदेश, यूपी और राजस्थान को तोड़ना होगा जोकि बेहद कठिन है। इसके बावजूद न केवल महापंचायत बुलाई जा रही है बल्कि प्रस्तावित चंबल प्रदेश का नक्शा तक तय कर लिया गया है।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल। देश में एक बार फिर नये प्रदेश के गठन की मांग उठने लगी है और यह मांग है अलग से चंबल प्रदेश बनाने की। इसे दिमनी क्षेत्र के पूर्व विधायक रविन्द्र भिडोसा ने उठाया है। इस मांग को पूरा करने के लिए महापंचायत भी बुलाई गई है।

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प्रस्तावित चंबल प्रदेश के लिए देश के तीन बड़े राज्यों- मध्यप्रदेश, यूपी और राजस्थान को तोड़ना होगा जोकि बेहद कठिन है। इसके बावजूद न केवल महापंचायत बुलाई जा रही है बल्कि प्रस्तावित चंबल प्रदेश का नक्शा तक तय कर लिया गया है। चंबल अंचल के एक पूर्व विधायक ने यह बीड़ा उठाया है। चंबल प्रदेश के लिए सभी राजनैतिक दलों की सहमति लेने का प्रयास भी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश का उत्तरी इलाका ग्वालियर चंबल संभाग के रूप में जाना जाता है। हालांकि चंबल इलाके में राजस्थान और यूपी का कुछ हिस्सा भी शामिल है। तीनों राज्यों के इस इलाके को अलग प्रदेश बनाने की मांग की जाती रही है। अब इसके लिए एक बार फिर मुहिम चलाई जा रही है।

दिमनी के पूर्व विधायक रविंद्र भिडोसा ने अलग चंबल प्रदेश की मांग उठाई है। वे कांग्रेस से जुड़े रहे हैं पर इस मुद्दे पर सभी दलों का समर्थन चाहते हैं। यही कारण है कि चंबल प्रदेश के लिए सरकारों पर दबाव डालने के लिए उन्होंने महापंचायत बुलाई है। पूर्व विधायक रविन्द्र भिडोसा ने प्रस्तावित चंबल प्रदेश का प्रारूप भी तैयार किया है। इसे 3 राज्यों-एमपी, यूपी और राजस्थान के 21 जिलों को मिलाकर बनाने की बात कही जा रही है। इसके लिए 4 मई को महापंचायत बुलाई गई है जोकि भिंड के फूप कस्बे में होगी।
रविंद्र भिडोसा का कहना है कि चंबल इलाका विकास के नजरिए से काफी पिछड़ा है। इसके लिए चंबल को अलग राज्य घोषित करने की जरूरत है। उनका यह भी कहना है कि हम आमजन की मांग और भावना पर यह मुद्दा उठा रहे हैं। चंबल प्रदेश की मांग करनेवालों ने इसका नक्शा भी तैयार करवा लिया है। इसमें 3 राज्यों के 21 जिलों को शामिल किया गया है जिनमें सर्वाधिक 8 जिले एमपी के हैं। चंबल प्रदेश में यूपी के 7 और राजस्थान के 6 जिले जोड़ने की मांग की जा रही है। यहां की कुल आबादी करीब 6 करोड़ है।
बता दें कि चंबल प्रदेश की मांग काफी पुरानी है। रविंद्र भिडोसा के पहले राष्ट्रीय हनुमान सेना भी यह मां उठा चुकी है। हनुमान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह कुमार चौबे ने इसके लिए मुहिम चालू की लेकिन बाद में मामला ठंडा पड़ गया।

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