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समाज कल्याण योजनाओं का सोशल ऑडिट कराएगी सरकार

मगर अब सोशल ऑडिट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की जांच खुद ग्रामीण कर सकते हैं। सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गांव के लाभार्थी से ही गांव की विकास योजनाओं की रिपोर्ट ली जाती है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में लाडली बहना जैसी कई फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल आडिट करवाया जाएगा।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल । मप्र में समाज कल्याण के लिए संचालित की जा रही फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल ऑडिट कराया जाएगा। समाज कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए यह सोशल ऑडिट किया जाएगा।

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किस फ्लैगशिप योजना से जनता को अधिक लाभ मिला

इसके पीछे सरकार की मंशा है कि किस फ्लैगशिप योजना से जनता को अधिक लाभ मिला है, उसका आंकलन कर उसे बूस्ट किया जाए। ऐसी योजनाओं को सरकार और मजबूती से आगे बढ़ाएगी साथ ही इसके लिए अतिरिक्त फंड भी मुहैया कराया जाएगा। गौरतलब है कि विकास कार्यों की जांच जब किसी सरकारी एजेंसी से ना करवा कर उस विकास कार्य के लाभार्थी से ही करवाई जाए तो इसे सोशल ऑडिट कहा जाता है। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर के अक्सर लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं होती हैं। ये शंकाएं काम की गुणवत्ता, कार्यप्रणाली और विकास कार्यों से मानकों से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा सरकारी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर सबसे ज्यादा शंका लोगों के मन में होती है। अक्सर लोगों को इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता है। या यूं कहें की उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती की इस बारे में कहां से जानकारी जुटाई जाए, या कहां शिकायत की जाए।

विकास कार्यों की जांच खुद ग्रामीण कर सकते हैं

मगर अब सोशल ऑडिट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की जांच खुद ग्रामीण कर सकते हैं। सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गांव के लाभार्थी से ही गांव की विकास योजनाओं की रिपोर्ट ली जाती है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में लाडली बहना जैसी कई फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल आडिट करवाया जाएगा। इन योजनाओं से लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया, इनकी कमियों से लेकर खूबियों तक की रिपोर्ट बनाई जाएगी। यह रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की जाएगी। इसके आधार पर योजनाओं में सुधार या परिवर्तन जैसे निर्णय लिए जा सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर विभागों से समन्वय कर सोशल ऑडिट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें, मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुई लाइली बहना योजना के तहत वर्तमान में एक करोड़ 17 लाख पात्र महिलाओं प्रतिमाह 1250 रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना पर हर महीने करीब 1550 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस पर 18,669 करोड़ रुपये बजट का प्रविधान भी किया गया है।

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