Cyber fraud Cases in India during 2024: भारत में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। पिछले चार सालों में देश में साइबर फ्रॉड के मामलों की तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में साल 2024 में साइबर फ्रॉड के मामले 2023 के मुकाबले तीन गुना और 2022 के मुकाबले 10 गुना बढ़ गए हैं। पिछले साल लोगों ने 22811.95 करोड़ रुपये साइबर ठगी में गंवा दिये। हालांकि, ये सिर्फ आंकड़ें हैं, जिनकी शिकायत दर्ज करायी गयी थी।
Cyber fraud Cases in India during 2024: भारत में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। पिछले चार सालों में देश में साइबर फ्रॉड के मामलों की तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में साल 2024 में साइबर फ्रॉड के मामले 2023 के मुकाबले तीन गुना और 2022 के मुकाबले 10 गुना बढ़ गए हैं। पिछले साल लोगों ने 22811.95 करोड़ रुपये साइबर ठगी में गंवा दिये। हालांकि, ये सिर्फ आंकड़ें हैं, जिनकी शिकायत दर्ज करायी गयी थी।
इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर I4C के अनुसार, भारत में साल 2024 में एनसीआरपी पर साइबर क्राइम से जुड़ी 19.18 लाख शिकायतें आयी हैं, जिसमें साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों ने में 22,811.95 करोड़ रुपये गंवा दिए हैं। इन आंकड़ों से भारत दुनिया के सबसे ज्यादा साइबर अपराध का शिकार होने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो जाता है। लेकिन, चिंता की बात यह है कि भारत में साइबर क्राइम का आंकड़ा साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। साल 2023 में साइबर क्राइम की 15.56 लाख शिकायतें दर्ज हुई थीं, जो साल 2024 में बढ़कर 19.18 लाख हो गई हैं। इनमें ज्यादा मामले पैसों से जुड़ी ठगी के हैं।
साल 2023 में भारतीयों ने 7496 करोड़ रुपये साइबर क्राइम में गंवाए थे, जबकि साल 2022 में लोगों ने 2306 करोड़ रुपये गंवाए थे। पिछले चार सालों में लोगों ने लगभग 33,165 करोड़ रुपये साइबर ठगी में गंवा दिए हैं। GIREM की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मैलवेयर साइबर हमलों में 11 फीसदी, रैंसमवेयर में 22 फीसदी, IoT अटैक्स में 59 फीसदी और क्रिप्टो साइबर हमलों में कुल मिलाकर 409 फीसदी की डराने वाली बढ़ोतरी हुई है।
GIREM की रिपोर्ट की मानें, तो साल 2024 में हुए फिशिंग हमलों में 82.6 फीसदी AI जनरेटेड रहे। QR कोड बेस्ड साइबर फ्रॉड के मामलों भी तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी फर्जी पोस्टर्स, वॉट्सऐप मैसेज और लिंक का इस्तेमाल करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। यूजर्स के फर्जी QR कोड को स्कैन करने के बाद फर्जी UPI पेमेंट पोर्टल के जरिए साइबर ठग उनके बैंकिंग डेटा को चुरा लेते हैं। इसके अलावा, फर्जी पुलिस, डिजिटल अरेस्ट समेत कई तरीकों से लोगों को फंसाया जाता है।