बता दें कि आंगनबाड़ियों में छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। इनमें तीन वर्ष तक के बच्चों को बना-बनाया भोजन दिया जाता है। आवश्यकता के अनुसार इसमें और फीचर जोड़कर सभी जगह लागू किया जाएगा।
भोपाल। प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी रोकने के लिए अब नई व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत केन्द्रों में फेस रिकग्नीशन सिस्टम लगाया जा रहा है। इस व्यवस्था में मशीन के सामने चेहरा दिखाने पर ही उपस्थिति मान्य होगी।
उसी के अनुरूप पोषण आहार का वितरण किया जाएगा। धार में प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसके सफल होने पर सभी जिलों में इसे लागू किया जाएगा। इससे हर दिन उपस्थिति की जानकारी डैशबोर्ड में सामने आ सकेगी। बता दें कि आंगनबाड़ियों में छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। इनमें तीन वर्ष तक के बच्चों को बना-बनाया भोजन दिया जाता है।
जबकि तीन वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए पोषण आहार आंगनबाड़ियों में ही स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार किया जाता है। गर्भवती महिलाएं कई बार स्वास्थ्य कारणों से पोषण आहार लेने के लिए नहीं पहुंच पाती हैं, इसलिए फेस रिकग्नीशन सिस्टम में उन्हें इससे छूट दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धार में 3800 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां यह व्यवस्था लगभग दो माह पहले प्रारंभ की गई है। इसका परीक्षण किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार इसमें और फीचर जोड़कर सभी जगह लागू किया जाएगा। आंगनबाड़ियों में स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने वाले मोटे अनाजों को भी पोषण आहार में शामिल करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने निर्देश दिए हैं।