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मुंबई में छह महीने की बच्ची HMPV वायरस से संक्रमित, भारत में ये नौंवा केस, जानें क्या है यह वायरस और कैसे बरतें सावधानियां

चीन के बाद अब भारत में भी एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामले सामने आने से चिंताएं बढ रही हैं। देश में अब तक एचएमपीवी के 9 केस सामने आए हैं। नौंवा केस बुधवार को मुंबई में मिला है। यहां छह महीने की बच्ची एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाई गई है।

By प्रिन्सी साहू 
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चीन के बाद अब भारत में भी एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामले सामने आने से चिंताएं बढ रही हैं। देश में अब तक एचएमपीवी के 9 केस सामने आए हैं। नौंवा केस बुधवार को मुंबई में मिला है। यहां छह महीने की बच्ची एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाई गई है। बच्ची 1 जनवरी से बीमार चल रही थी। खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन लेवल 84% तक गिरने की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, अब वह ठीक है। इलाज के बाद उनकी स्थिति कंट्रोल में है। अब तक महाराष्ट्र में एचएमपीवी के तीन, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 1-1 केस मिला है।

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महाराष्ट्र के नागपुर में मंगलवार को एचएमपीवी के दो मामले सामने आए। जिसमें 13 और 7 साल की दो लड़कियों में यह लक्षण दिखाई दिए थे। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, दो दिन तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनका घर पर ही इलाज किया गया। अधिकारियों ने कहा कि दोनों बच्चों की हालत स्थिर है।

क्या हैं एचएमपीवी वायरल और इसके लक्षण

एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। ऐसा तीन से पांच दिन रह सकता है। इस दौरान नाक बह सकती है। गले में खराश हो सकती है। ठंड लगकर तेज बुखार आ सकता है।

एचएमपीवी से बचने के लिए जरुर बरतें ये सावधानियां

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-साबुन से बार-बार हाथ धोइए।
-बिना धुले हाथों से अपनी आंखें, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए।
-ऐसे लोगों के साथ संपर्क से बचना चाहिए, जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों।
-खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना जरूरी है।
-बुखार, खांसी और छींक आ रही है, तो पब्लिक कॉन्टैक्ट से दूर रहें।
-खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन खाएं।
-संक्रमण को कम करने के लिए सभी स्थानों पर बाहरी हवा के साथ पर्याप्त वेंटिलेशन का ख्याल रखिए।
-अगर आप बीमार हैं, तो घर पर रहें और दूसरों से संपर्क सीमित रखें।
-बीमार हैं तो लोगों से हाथ न मिलाएं। टिशू पेपर और रुमाल का इस्तेमाल करिए।

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