वैशाख माह हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद दूसरा महीना होता है। जो अप्रैल के मध्य से शुरू होकर मई के मध्य तक रहता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
Vaisakha Month 2025 : वैशाख माह हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद दूसरा महीना होता है। जो अप्रैल के मध्य से शुरू होकर मई के मध्य तक रहता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस माह में स्नान, दान, जप और उपवास का विशेष महत्व होता है। वैशाख माह चैत्र पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। इस माह को माधव मास या विष्णु जी का महीना भी कहा जाता है। वैशाख में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। वैशाख माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख मास में अनेक देव मंदिरों के पट खोले जाते हैं, और कई महोत्सवों का आयोजन होता है। हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथधाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं।
चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख के महीने का आरंभ हो जाता है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। साल 2025 में वैशाख मास 14 अप्रैल, सोमवार से शुरू हो रहा है। जिसकी समाप्ति 13 मई 2025 को होगी।
वैशाख माह के प्रमुख त्योहार और तिथियाँ
अक्षय तृतीया
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है, जो शुभ कार्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है।
सीता नवमी
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी मनाई जाती है।
बुद्ध पूर्णिमा
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है, जो भगवान बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है।
वरुथिनी एकादशी
वैशाख माह में वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।
मोहिनी एकादशी
वैशाख माह में मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।
प्रदोष व्रत
वैशाख माह में प्रदोष व्रत का महत्व होता है।
मासिक शिवरात्रि
वैशाख माह में मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।