Ola-Uber fare: पिछले दिनों केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत CCPA ने ऐप बेस्ड कैब ऑफर करने वाली ओला और उबर कंपनियों को नोटिस जारी किया था। इस कंपनियों पर आरोप है कि एंड्रॉइड यूजर्स की तुलना में iPhone का इस्तेमाल करके सेम राइड बुक करने वाले यूजर्स से ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है। हालांकि, दोनों कंपनियों अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है।
Ola-Uber fare: पिछले दिनों केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत CCPA ने ऐप बेस्ड कैब ऑफर करने वाली ओला और उबर कंपनियों को नोटिस जारी किया था। इस कंपनियों पर आरोप है कि एंड्रॉइड यूजर्स की तुलना में iPhone का इस्तेमाल करके सेम राइड बुक करने वाले यूजर्स से ज्यादा चार्ज लिया जा रहा है। हालांकि, दोनों कंपनियों अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है।
ओला और उबर ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के नोटिस का जवाब दिया है। उबर के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स से कहा, “हम राइडर के फोन मैन्युफैक्चरर के आधार पर कीमतें सेट नहीं करते हैं। हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।” जबकि ओला के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारे सभी कस्टमर्स के लिए एक होमोजेनस प्राइसिंग स्ट्रक्चर है और हम आइडेंटिकल राइड्स के लिए यूजर के सेलफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर अंतर नहीं करते हैं।”
बता दें कि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने एक-दूसरे के बगल में रखे ऐप्स के वीडियो और फोटो पोस्ट करके एक ही राइड के लिए एंड्रॉइड और iPhone में अलग-अलग कीमतें दिखाई गई थीं। जिसमें iPhone पर राइड के लिए हमेशा ज्यादा कीमतें दिख रही थीं। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसको ‘प्रथम दृष्टया अनुचित व्यापार व्यवहार’ और उपभोक्ता अधिकारों के लिए ‘स्पष्ट अवहेलना’ करार दिया था। इसके अलावा, क्विक-कॉमर्स कंपनी Zepto पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं।