AC Minimum Temperature: मई-जून के महीने में तापमान अपने शिकार पर पहुंच जाता है और लोग भीषण गर्मी से बेहाल हो जाते हैं। तब एयर कंडीशनर यानी एसी की जरूरत पड़ती है। इस समय घर से लेकर ऑफिस और मॉल तक लगभग हर जगह एसी चलने शुरू हो चुके हैं। हालांकि, अपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि अगर बहुत गर्मी पड़ रही है और हम एसी को 16 डिग्री टेंपरेचर से नीचे चलाना चाहें तो ऐसा नहीं हो पाता।
AC Minimum Temperature: मई-जून के महीने में तापमान अपने शिकार पर पहुंच जाता है और लोग भीषण गर्मी से बेहाल हो जाते हैं। तब एयर कंडीशनर यानी एसी की जरूरत पड़ती है। इस समय घर से लेकर ऑफिस और मॉल तक लगभग हर जगह एसी चलने शुरू हो चुके हैं। हालांकि, अपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि अगर बहुत गर्मी पड़ रही है और हम एसी को 16 डिग्री टेंपरेचर से नीचे चलाना चाहें तो ऐसा नहीं हो पाता।
दरअसल, भारत में एसी बनाने वाली कंपनियां 16 डिग्री पर टेंपरेचर को सेट करके बेंचती हैं। यानी इससे नीचे टेंपरेचर पर एसी नहीं चल सकता। हालांकि, बहुत से लोग इसके पीछे की वजह नहीं जानते हैं। जिसके बारे हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनियां एसी को 16 डिग्री से कम पर चलाने का विकल्प इसलिए नहीं देती, क्योंकि 16 डिग्री से कम टेंपरेचर एसी को नुकसान पहुंचा सकता है।
16 डिग्री से कम टेंपरेचर पर एसी चलाने से इवैपोरेटर पर बर्फ जम सकती है। जिससे एसी को नुकसान पहुंच सकता है। इवैपोरेटर का काम ठंडी हवा पहुंचाना होता है। बर्फ जमने के पीछे का कारण रेफ्रिजरेंट का प्रेशर कम होना हो सकता है। एसी में इवैपोरेटर बाहर की गर्म हवा को रेफ्रिजरेंट लिक्विड से गैस में बदल देता है। लिक्विड के गैस में बदलने से रेफ्रिजरेंट प्रेशर खोने लगता है जिससे रूम में ठंडी हवा मिलती है।
एसी को 16 डिग्री से कम टेंपरेचर पर चलाना लोगों की सेहत के लिए ठीक नहीं है। माना जाता है कि एसी को 24 डिग्री पर चालान सबसे सही होता है, लेकिन लोग अपनी जरूरत के हिसाब इसका टेंपरेचर सेट करते है। हालांकि, एसी जितने कम टेंपरेचर चलेगा, बिजली का बिल उतना ज्यादा बढ़ेगा।