आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब जीवन शैली का अंग बनती जा रही है। अब यह सिर्फ प्रयोगशालाओं या कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है बल्कि हर छोटे-बड़े कारोबार का अहम हिस्सा बनती जा रही है।
India’s AI market : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब जीवन शैली का अंग बनती जा रही है। अब यह सिर्फ प्रयोगशालाओं या कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है बल्कि हर छोटे-बड़े कारोबार का अहम हिस्सा बनती जा रही है। इसी बीच Boston Consulting Group (BCG) और NASSCOM की एक ताज़ा रिपोर्ट ने भारत में AI के भविष्य को लेकर बड़ा दावा किया है।
भारत में दुनिया की AI प्रतिभाओं का 16 प्रतिशत हिस्सा है, जो इसे केवल अमेरिका से पीछे रखता है, जो इसके जनसांख्यिकीय लाभ और मजबूत STEM शिक्षा प्रणाली दोनों को दर्शाता है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) ने “भारत की AI छलांग: उभरते चैलेंजर्स पर BCG परिप्रेक्ष्य” नामक एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में 600,000 से अधिक AI पेशेवरों और 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं (Internet users) के साथ एक संपन्न AI पारिस्थितिकी तंत्र है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में AI सेक्टर ज़बरदस्त रफ़्तार पकड़ चुका है। जहाँ 2023 में इसका मार्केट लगभग 6 अरब डॉलर के आसपास था वहीं 2027 तक इसके 17 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि आने वाले सिर्फ़ तीन सालों में भारतीय AI मार्केट का आकार करीब-करीब तीन गुना हो सकता है जो इसकी तेज़ी से बढ़ती स्वीकार्यता और क्षमता को दर्शाता है।
पहले कंपनियां AI को केवल ट्रायल के तौर पर उपयोग करती थीं लेकिन अब वे इसे अपने बिजनेस मॉडल (Business Model) में पूरी तरह शामिल कर रही हैं। AI की मदद से ग्राहक सेवा(Customer service), डेटा एनालिसिस (data analysis), ऑटोमेशन (automation) और कई दूसरे काम अब ज़्यादा आसान और तेज़ हो गए हैं।
बैंक अब ग्राहक सेवा में AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अस्पतालों में बीमारी की पहचान और इलाज के लिए AI का सहारा लिया जा रहा है।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (e-commerce platforms) ग्राहकों को खरीदारी के सुझाव देने में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “इस गति को बढ़ते उद्यम तकनीकी निवेश, एक संपन्न डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (thriving digital ecosystem) और एक मज़बूत प्रतिभा आधार द्वारा बढ़ावा मिल रहा है।” प्रतिभा से परे, भारत के सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढाँचे (Public Digital Infrastructure)- जैसे कि आधार, UPI, डिजीलॉकर और ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) – विभिन्न उद्योगों में AI एकीकरण के लिए एक मजबूत और स्केलेबल आधार प्रदान करते हैं। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के एक बड़े आधार और व्यापक स्मार्टफ़ोन अपनाने के साथ, भारत बड़ी मात्रा में डेटा उत्पन्न करता है, जो AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए ईंधन है।
भारत सरकार भी AI की ताकत को पहचान चुकी है और उसने AI मिशन के तहत 10,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का ऐलान किया है। इसके साथ ही निजी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को AI में ट्रेनिंग देने के लिए 1 अरब डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) खर्च करने की योजना बना रही हैं।
आने वाले समय में AI का इस्तेमाल शिक्षा, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और फाइनेंस जैसे और भी ज़्यादा सेक्टर्स में देखने को मिलेगा. AI की वजह से नई नौकरियाँ भी पैदा होंगी हालांकि कुछ परंपरागत नौकरियाँ प्रभावित भी हो सकती हैं। इसके साथ ही डेटा सुरक्षा, जॉब सिक्योरिटी और एथिकल मुद्दे भी चर्चा में बने रहेंगे.